About Me

I write poems - I m going towards me, I write stories - किस्से ओमी भैय्या के, I write randomly - squander with me

Monday, November 29, 2010

कभी मिल गए तो

अगर कभी करनी पड़ जाये बात
तो सोचता हु पहले कौन बोलेगा
क्या होगी कोई नयी सी बात
या वही पुराना किस्सा होगा
 
पुरानी आदतों की शिकायत होगी
या अंजानो की तरह परिचय होगा
क्या पुछेंगे हम दुर रहने का सबब 
या फिर पास आने का इरादा होगा  
 
होगी लबो पे बेवजह मुस्कान 
या आखों में खालीपन होगा
तेरे चेहरे में कोई शिकन होगी
या सुर्ख गालो का रंग लाल होगा
 
शायद जिंदगी होगी तेरी बेहतर
और शिकवा बस हमे होगा
अगर कभी करनी पड़ जाये बात
तो सोचता हु पहले कौन बोलेगा

3 comments:

vandana gupta said...

क्या कशमकश का खाका खींचा है………………।शायद तब
ना तू खुदा होगी ना मै रकीब होंगा
बस कभी मिल गये किसी राह तो
शायद निगाहों से निगाहों का मिलन होगा

Sweta said...

जो सच्चा होगा वोह हिं पहले बोलेगा |
जिसके मान में चोर था वोह नजरे चुराएगा | :)

OP said...

बहुत खुब वंदनाजी !!
स्वेताजी आपकी बात भी सही है :)