About Me

I write poems - I m going towards me, I write stories - किस्से ओमी भैय्या के, I write randomly - squander with me

Saturday, December 01, 2012

मेरे घर आना तुम

रस्ते की धुल
वो पलाश के फूल
कच्ची पक्की बेर
तो कभी आम या अमरुद 
रंगीन बर्फ से गिरता वो मीठा पानी
या किसी मिठाई की रसीलेदार कहानी 
खेतों में मिला किसी पंक्षी का पंख
नदी किनारे मिला छोटा खूबसूरत शंख  
किसी के धड़ाम से गिरने की लंबी दास्ता
कभी कहीं पहुँचाने का छोटा रास्ता 
कभी वो लटका सा मुँह तुम्हारा   
कभी मजाक में कभी दुखी बेचारा 
तब घर आते हर वो चीज़ जो लाते थे
संग उनके अपनी चुप्पी भी
फिर लेते आना तुम 
समय न बिता हों जैसे 
सब कुछ वैसा ही हों 
ऐसे फिर मेरे घर आना तुम 

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