About Me

I write poems - I m going towards me, I write stories - किस्से ओमी भैय्या के, I write randomly - squander with me

Friday, May 04, 2012

साली की सगाई

साली ने पुछा दीदी से 
मेरी सगाई और जीजा नहीं आये 
कहते थे आधी घरवाली 
क्या मेरे वियोग के दुःख से नहीं आये 
कहना उनसे मैं थी रूठी 
अब मुझको मनाने फ़िर से ना आये 
मेरे प्रियतम भी दामाद बने  
अब पहले सा ना अपना रुबाब दिखाए 

आते वो भी साथ
मगर हालत कुछ ऐसे बन गए 
आना पड़ा मुझे अकेला
वो अपनी साली की सगाई में नहीं आये 
दीदी बोली अपनी व्यथा 
मुझको भी बड़े शहर में अकेले छोड़ गए 
क्या कहू मैं तुमसे बहना
तुम्हारे जीजा तो है विदेश गए 

1 comment:

Sweta said...

I dedicate your poem to my loving Husband :P