About Me

I write poems - I m going towards me, I write stories - किस्से ओमी भैय्या के, I write randomly - squander with me

Saturday, August 12, 2006

the little bird

देखा इस गगन को कई बार रंग बदलते हुए
हर बार लगता है यह है बस छूने के लिए

बैठे है किसी दरख्त मे नज़र रखे दूर सितारों पे
पंख फैलाये एक दिन उड़ने को नया जहा खोजने के लिए

मगर लगता है डर बड़े शिकारियों से
जो बैठे है मुझे कैद करने के लिए

अब जो भी हो अपना जिस्म दाव पे लगा के
लिए हुए उम्मीद उड़ चले हम जानने के लिए

की खुदा ने क्या चुना है मेरे लिए
उसकी ज़मी सारी उमर या अपना आसमा उड़ने के लिए

1 comment:

main_sachchu_nadan said...

Fundoo yaar...wakai mein kavita mein sanjidagi hai bhai. keep it up!!!