About Me

I write poems - I m going towards me, I write stories - किस्से ओमी भैय्या के, I write randomly - squander with me

Wednesday, March 21, 2012

कवितायेँ मेरी पढ़ती हो


शब्द मेरे कागज़ के फूल 
खुशबू तुम ले आती हो 
छंद मेरे ठहरा हुआ पानी 
लहरे तुम ले आती हो 
कवितायेँ मेरी अधुरी सी 
सार्थक तुम बना देती हो  
लिखने की वजह मिल जाती है  
जब भी कवितायेँ मेरी पढ़ती हो

किसी संजीदा बात पे 
आखें नम कर लेती हो 
भावुक होकर अब ना पढूंगी 
जब भी ऐसा कहती हो 
लिख लेता हूँ कुछ ऐसा 
लगता है जो हँसने जैसा  
व्यंग्य पढ़ कर मेरे
जो मुस्कुरा देती हो 
लिखने की वजह मिल जाती है 
जब भी कवितायेँ मेरी पढ़ती हो

लिखता रहूँगा मैं तो ऐसे ही 
कुछ तुम भी पसंद कर लेना
जो बात समझ में ना आये 
बकवास समझ कर भुला देना
बस याद रखना इतना ही
मेरा लिखा तो बस जीवन की बाते
बातो में जीवन तुम लाती हो 
लिखने की वजह मिल जाती है  
जब भी कवितायेँ मेरी पढ़ती हो

1 comment:

Unknown said...

बहुत खूब लिखते है आप, ओमी साहब !!!