About Me

I write poems - I m going towards me, I write stories - किस्से ओमी भैय्या के, I write randomly - squander with me

Saturday, April 07, 2012

अरमान मेरे


आखों में शरारत
और होठों से बहाने बनाया ना करो 
जुल्फों को बांधो
हवां के साथ यूँ उड़ने दिया ना करो 
ओ हुस्न की मलिका
इस तरह सामने आया ना करो
अरमान मासूम है मेरे 
इनको बेईमान बनाया ना करो  

चलते हुए यूँ अचानक 
गहनों की दुकान पर रुका ना करो
उठा के तरह तरह की 
बालियाँ कानो से लगाया ना करो 
हर बार अपने रूप की 
छटा यूँ राहों पर बिखराया ना करो 
अरमान मासूम है मेरे 
इनको बेईमान बनाया ना करो  

आइना बन जाता है वो 
रात में तुम चाँद को निहारा ना करो   
तारे भी दीवाने तुम्हारे 
तुम ऊँगली दिखा के उन्हें इशारे ना करो 
मंद रौशनी में तुम 
रातरानी की तरह महका ना करो 
अरमान मासूम है मेरे 
इनको बेईमान बनाया ना करो  

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