About Me

I write poems - I m going towards me, I write stories - किस्से ओमी भैय्या के, I write randomly - squander with me

Wednesday, December 18, 2013

छलांग

एक छलांग क्या लगायी
तुम्हे लगा हदे हैं बतायी 
कैद कर दिया तुमने 
हमे भी अपनी ज़मी में 

उड़ाने हैं अभी बाकी 
जान तो अभी आयी
साँस तो लेने तो हमे 
पंख फैलाने तो दो हमे 
फिर बताएं क्या हैं
हमारी ख्वाहिशों में 

तड़पते हैं तो जिंदा हैं 
तरसते हैं तो जिंदा हैं 
इस तरह हैं जिंदगी के करीब 
सुकून तो हैं मुर्दों का नसीब
एक ज़रा पूरा हों जाने दो 
फिर बताएं क्या हैं 
हमारे खवाबों में

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