About Me

I write poems - I m going towards me, I write stories - किस्से ओमी भैय्या के, I write randomly - squander with me

Sunday, July 11, 2010

तेरी दीवानी

बाट मैं जोहू तोरी सैय्याँ
कहे सब होगई मैं बावरी
सब ऋतू आये जाये यहाँ
मेरे अखियन में बस पानी

प्रेम के रोग ने ऐसा जकड़ा
वैद्य खुद और खुद ही रोगी
खोयी रहु मैं ध्यान में तेरे
दुनिया समझे मैं रहु जागी

प्रीत का नाता तुझसे जोड़ा
और तु बना गया मेरा बैरी
सखिया मेरी छेड़े नाम से तेरे
और तु भुला मैं तेरी दीवानी

3 comments:

सुधीर राघव said...

bahut khoob.

पॉल बाबा का रहस्य आप भी जानें
http://sudhirraghav.blogspot.com/

Udan Tashtari said...

बहुत बढ़िया.

Asha Joglekar said...

सब ऋतू आये जाये यहाँ
मेरे अखियन में बस पानी ।
वाह बिरहन को तो बरखा ही प्रिय होती है ना ?