About Me

I write poems - I m going towards me, I write stories - किस्से ओमी भैय्या के, I write randomly - squander with me

Monday, July 11, 2011

मेरी कविताये यु न पढ़ा करो

तुम शब्द मेरे यु न सुना करो
हृदय की वेदना यु न जाना करो
कुछ सूखे कुछ गिले कागज है
तुम इनको यु न छुआ करो
कितनी बार कहा है तुमसे
मेरी कविताये यु न पढ़ा करो

रातकली तुम स्वप्न में मिली
स्वप्न की बाते न किया करो
भोर की किरणों से न बच पाया
उस सपने के बारे में न पूछा करो
कितनी बार कहा है तुमसे
मेरी कविताये यु न पढ़ा करो

न कोई छंद न कोई अलंकार
सजावट की यु न आशा करो
जो याद आये वो लिख पाए
सभी बातो की यु न बाते करो
कितनी बार कहा है तुमसे
मेरी कविताये यु न पढ़ा करो

1 comment:

main_sachchu_nadan said...

Jai Ho, Jai Ho ...