About Me

I write poems - I m going towards me, I write stories - किस्से ओमी भैय्या के, I write randomly - squander with me

Friday, March 10, 2006

voice of failure

काढिंनाइँ चाहे जितनी आए
राहे मुजको मिल न पाए
फिर भी मैं चलूँगा,एक कदम मैं और रखूँगा

पैरो मे जितने चाहे चुभे काटे
हाथ मे हो जितनी भी गरम सलाखे
मैं इनं पहाडो को काटुंगा
सागर मे भी पुल बाधुन्गा
आँसुओ को भी बहना होगा
खुनं बनके पसीना बहेगा
जो धड़कता है इस जिस्म मी
उसके लिए मैं चलूँगा, एक कदम मैं और रखूँगा

सोचता हू मैं जो रुक गया यहा
आगे न फिर बन पायेगा कोई रास्ता
जो आते है मेरे बाद वह जायेगे कहा
आखिर किसी को तो है यहा दफ़न होना
दफ़न होने के लिए मैं चलूँगा,एक कदम मैं और रखूँगा

माना आज मैं नाकामयाब हू
कल भी मेरा शायद न निशान होगा
जब कोई गुजरेगा इन रास्तों से
वही मेरा इनाम होगा
उस इनाम के लिए मैं चलूँगा,एक कदम मैं और रखूँगा

Wednesday, March 01, 2006

i m not smoker

बस एक कश और कशमकश सारी खत्म हो जाती है
थकी हुई मेरी आंखो मे फिर ज़िंदगी नज़र आती है
यह धुआं जाने क्या असर करता मेरी रूह पे
दिल और दिमाग पे ताजगी सी छा जाती है

आसमा पे कितनी लकीरे खीची है इस धुएं ने
मुझे तो तस्वीर बस उसकी नज़र आती है
तुझसे किया था वादा अब हाथ न लगायेंगे कभी
अब तेरी यादों मे ही हर शाम यह जलती है

जब शाम को यह दो उंगलियों पे नाचती है
यारो की महफ़िल कितनी जवा हो जाती है
आज के लिए खुशी का आलम लाती है
कल के लिए कितनी यादें बनती है

आया जो कोई अचानक बगल से
फेका इसे फिर हमने चुपके से
यह बात हमारे बडो को बताती है
की आज भी हममे तहजीब बाकी है